Hindi Motivational Quotes by Bhimrao Ambedkar

Introduction

डॉ. भीमराव आंबेडकर, भारतीय इतिहास में एक प्रतीष्ठान्वित व्यक्ति थे, जो केवल भारतीय संविधान के रचनाकार नहीं थे बल्कि एक गहरे सोचने वाले व्यक्ति भी थे, जिनके विचारों और प्रेरणादायक उद्धारणों का पीढ़ियों को प्रेरित करना अब भी जारी है। इस लेख में, हम डॉ. आंबेडकर के जीवन, विचार और सतत प्रेरणा विचार करेंगे।

The Life of Bhimrao Ambedkar

डॉ. भीमराव आंबेडकर का सफर 20वीं सदी की शुरुआत में हुआ, जिसे कठिनाइयों और संकल्प के साथ चिह्नित किया गया था। एक समाज से बाहरी जन्मे, उन्होंने सामाजिक बाधाओं को पार करके भारतीय राजनीति में सबसे प्रमुख व्यक्तियों में से एक बनने के लिए सामर्थ्य दिखाया। उनकी शैक्षिक प्रतिभा ने उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया, और बाद में उन्होंने भारतीय संविधान का मस्तकबंदी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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Ideology and Thoughts

डॉ. आंबेडकर के विचारों का केंद्रीय हिस्सा सामाजिक न्याय और समानता की प्राप्ति थी। उन्होंने जातिवाद आधारित भेदभाव की समाप्ति के लिए आवाज बुलंद की और एक समाज की स्थिति बनाने का प्रयास किया, जहां प्रत्येक व्यक्ति को समान अधिकार और अवसर होता है। उनके विचारों में शिक्षा, सशक्तिकरण और लोकतंत्र पर उनके विचारों के लिए एक समाज की नींव रखी गई।

Hindi Motivational Quotes by Bhimrao Ambedkar

Hindi Motivational Quotes by Bhimrao Ambedkar

Ambedkar’s Quotes on Social Justice

  1. “मस्तिष्क का संवर्धन मानव अस्तित्व का अंतिम उद्देश्य होना चाहिए।”
  2. “मैं किसी समुदाय की प्रगति को महिलाओं ने कैसे प्राप्त किया है, उस दरजे से मापता हूँ जो महिलाओं ने प्राप्त किया है।”
  3. “समाजिक न्याय से ही समाज का सही रूप बन सकता है, जिसमें सभी को बराबरी का अधिकार हो।”
  4. “असली स्वतंत्रता समाज में समाजिक न्याय की होती है, जिसमें कोई भी व्यक्ति अपने अधिकारों का श्रेष्ठ से श्रेष्ठ उपयोग कर सकता है।”
  5. “समाजिक न्याय का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह समृद्धि के दरवाजे सभी के लिए खोलता है और सभी को विकसित होने का अवसर देता है।”
  6. “समाजिक न्याय से ही समृद्धि, समानता, और शांति का साधन हो सकता है।”
  7. “हमारा मकसद है एक समृद्ध और समृद्धिशील समाज बनाना, जिसमें सभी को अपनी स्थिति में समान अधिकार मिले।”
  8. “समाजिक न्याय से ही एक समृद्धि और समृद्धिशील समाज की ओर पथ प्रदर्शित हो सकता है।”
  9. “समाज में समाजिक न्याय की पूरी बुनियाद होना चाहिए ताकि कोई भी व्यक्ति अपने क्षमता के हिसाब से समाज में सही स्थान पर हो सके।”
  10. “हमें समाजिक न्याय के माध्यम से समाज में विघ्नों को हटाना चाहिए ताकि सभी लोग बराबरी से उपयोग कर सकें।”
  11. “समाजिक न्याय से ही समाज में एक सही और समृद्धिशील दृष्टिकोण बन सकता है।”
  12. “हर व्यक्ति को अपने योग्यता और क्षमताओं के हिसाब से समाज में उच्चतम स्थान मिलना चाहिए, जो समाजिक न्याय के माध्यम से ही संभव है।”
  13. “समाजिक न्याय का आधार होना चाहिए ताकि सभी लोग अपनी आवश्यकताओं को पूरा कर सकें और उन्हें विकसित होने का अवसर मिले।”
  14. “समाजिक न्याय से ही हम सभी को समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ने का मौका मिल सकता है।”
  15. “हमें समाज में समाजिक न्याय की प्राथमिकता देनी चाहिए, जिससे समृद्धि सभी के लिए संभव हो सके।”
  16. “समाजिक न्याय से ही समाज में सभी को समानता का अहसास होगा और विभाजनों को समाप्त कर सकेंगे।”
  17. “हमें समाज में समाजिक न्याय की प्रेरणा बनी रखनी चाहिए, ताकि हम सभी मिलकर एक समृद्ध भविष्य की दिशा में काम कर सकें।”
  18. “समाजिक न्याय से ही एक समृद्ध और समृद्धिशील समाज की नींव रखी जा सकती है, जो सभी को बराबरी से जोड़ता है।”

Ambedkar’s Quotes on Equality

  1. “मस्तिष्क की स्वतंत्रता असली स्वतंत्रता है।”
  2. “विशेषज्ञता को छोड़कर व्यक्ति उस समाज में अपना अस्तित्व नहीं खोता है जिसमें वह रहता है, जैसा कि एक बूंद पानी समुद्र में मिलने पर अपनी पहचान नहीं खोती है।”
  3. “समानता ही समाज में न्याय की बुनियाद है और इसके बिना कोई समाज सुरक्षित नहीं हो सकता।”
  4. “सभी मनुष्यों को समान अधिकार और अवसर मिलने चाहिए, चाहे वह कहीं भी हों और जो भी हों।”
  5. “समानता से ही न्याय और शांति का साधन हो सकता है, और इसके बिना कोई समृद्धि संभव नहीं है।”
  6. “व्यक्ति की जाति, रंग, धर्म या लिंग पर आधारित भेदभाव न करना चाहिए, क्योंकि समाज में समृद्धि का रहस्य समानता में ही है।”
  7. “हर व्यक्ति को अच्छे और बुरे कर्मों के आधार पर मूल्यांकन करना चाहिए, और इसमें कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।”
  8. “समाज में समानता की भावना होना चाहिए, ताकि सभी लोग बराबरी से जी सकें और समृद्धि का आनंद उठा सकें।”
  9. “एक समाज में समानता होना एक सशक्त, समृद्ध और विकसित समाज की नींव है।”
  10. “हमारा मकसद समाज में सभी को उच्चतम स्तर के न्याय और समानता की दिशा में अग्रणी बनाना है।”
  11. “समाज में भेदभाव को समाप्त करने के लिए हमें समानता की ओर प्रगट होना चाहिए।”
  12. “समाज में समानता की भावना सभी को मिलकर मिलकर प्रगट करनी चाहिए ताकि एक सशक्त और सद्गुण समाज बना जा सके।”
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Ambedkar’s Quotes on Education

  1. “वे लोग जो इतिहास भूल जाते हैं, वे इतिहास नहीं रचा सकते जो इतिहास याद रखते हैं।”
  2. “शिक्षित, आंदोलन करो, संगठित हो जाओ।”
  3. “शिक्षा ही एकमात्र ऐसी शक्ति है जो तुम्हें सच्चे मुकाबले के लिए सजग और समर्थ बना सकती है।”
  4. “शिक्षा व्यक्ति को अपनी आत्मा के साथ मेल करने में सहायक होती है, जिससे उसमें स्वयं का पहचान मिलता है।”
  5. “शिक्षा आत्मविश्वास और समर्पण की ऊँचाईयों की दिशा में मार्गदर्शन कर सकती है।”
  6. “शिक्षा केवल ज्ञान की प्राप्ति ही नहीं, बल्कि सोचने और समझने की क्षमता में वृद्धि करने में भी सहायक है।”
  7. “शिक्षित व्यक्ति समाज में सकारात्मक बदलाव की ऊँचाइयों तक पहुँचने में सक्षम होता है।”
  8. “शिक्षा सबसे मजबूत आधार है जो व्यक्ति को समाज में स्थान बनाने में मदद कर सकता है।”
  9. “शिक्षा न केवल एक व्यक्ति को अधिक ज्ञानी बनाती है, बल्कि उसे अपने उद्दीपन की भी दिशा में मार्गदर्शन करती है।”
  10. “शिक्षा समाज में समानता की भावना को बढ़ावा देती है और जातिवाद के खिलाफ युद्ध करती है।”
  11. “शिक्षा व्यक्ति को समझदार नागरिक बनाती है, जिससे समाज में उसका योगदान महत्वपूर्ण होता है।”
  12. “शिक्षा का मकसद न केवल ज्ञान का प्राप्ति ही है, बल्कि समझदारी और जिम्मेदारी के साथ जीने की कला को सीखना भी है।”

Ambedkar’s Quotes on Indian Women

  1. “एक समाज का संपूर्ण स्वरूप उसकी स्त्री जनता के आधार पर होता है।”
  2. “समृद्धि और समाज में समानता की प्राप्ति में स्त्री का महत्वपूर्ण योगदान है।”
  3. “स्त्री का सम्मान करना अपने आत्म-सम्मान को मजबूत करता है और समाज को पूर्णता की दिशा में बढ़ाता है।”
  4. “शिक्षित स्त्री समाज की पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।”
  5. “समाज में स्त्री की सकारात्मक भूमिका समृद्धि और समाज के संरचना में सुधार का कारण बन सकती है।”
  6. “स्त्री को समाज में अधिकार और अवसर मिलने चाहिए, ताकि वह अपनी सही पहचान बना सके।”
  7. “स्त्री को समाज में शामिल करके ही समृद्धि और समानता का सपना साकार हो सकता है।”
  8. “आत्मनिर्भर स्त्री समाज की स्थिति में सुधार करने में सहारा प्रदान कर सकती है।”
  9. “स्त्री को समाज में शक्ति और स्वतंत्रता की साधना करने का अधिकार होना चाहिए।”
  10. “समाज में स्त्री का सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्तिकरण हम सभी के लिए सुरक्षितता की दिशा में प्रगाढ़ित करता है।”
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Conclusion

डॉ. भीमराव आंबेडकर के जीवन और उनके शिक्षाओं को विचार करते समय, यह स्पष्ट होता है कि उनके प्रेरणादायक उद्धारण समय के पार हैं और समकालीन चुनौतियों के साथ संवादित हैं। उनके ज्ञान को अपनाकर, हम एक और न्यायसंगत, समान और दयालु समाज की दिशा में प्रयासरत रह सकते हैं।

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